लेखनी प्रतियोगिता -12-May-2023 "परिवर्तन"
"परिवर्तन"
ना होता परिवर्तन जीवन में
तो जीवन कितना नीरस हो जाए
सुख का कोई मूल्य ना हो
और दुख का कुछ भी रंज ना हो पाए....!!
है परिवर्तन नियम प्रकृति का
उससे कोई न जीता है
मौसम बदले पतझड़ आए
उसके बाद बाहर भी लाए
बरसा लाएं फुहार खुशी की
मन में सबके प्रीत जगाएं
प्रकृति का नियम यहीं है
इस से कोई बच ना पाए....!!
जीवन का भी यही नियम है
सुख के साथ दुख भी आ जाए
जीवन सुख दुख का संगम बन जाए
धूप छांव है जीवन की माया
परिवर्तन का धेय्य यहीं है
हर पहलू से अवगत कराए...!!
परिवर्तन से ना घबरा
ना तू इसका शोक मना
हर परिवर्तन परिणाम है लाता
कुछ ना कुछ वो सीख हैं देकर जाता
कभी कुछ इस दुनिया में स्थिर ना रहता
आज अगर दिन है तेरा तो
कल किसी और का आ ही जाए
यहीं है परिवर्तन का नियम अनोखा
इससे कोई भाग न पाए....!!
मधु गुप्ता "अपराजिता"
Babita patel
12-May-2023 03:22 PM
nice
Reply
Madhu Gupta "अपराजिता"
13-May-2023 10:44 AM
Thank you so much😊😊
Reply
madhura
12-May-2023 02:31 PM
beautiful poem
Reply
Madhu Gupta "अपराजिता"
13-May-2023 10:43 AM
Thank you so much😊😊
Reply